राजकुमार सिंह एडिटर
(सुबोध भारत)
मो.9662274252
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के उदयपुरा में कक्षा-6 की छात्रा ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। उसे रास्ते में एक बैग मिला, जिसमें 7 लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात थे। उसने अपने पिता के साथ आकर उसे थाने में लौटाया। जेवरों के वास्तविक मालिक को बैग लौटा दिया गया है, जिसने लड़की को पुरस्कार के तौर 51 हजार रुपये का नगद पुरस्कार दिया। मामला 20 फरवरी का है। यशपाल पटेल निवासी ककरुआ की बेटी का सोने के जेवरों से भरा बैग सड़क पर गिर गया था। यह बैग उदयपुरा के दलित मजदूर मंगल सिंह की बेटी रीना को मिला। उसने काफी देर तक इंतजार किया कि बैग लेने लोग आएंगे। जब कोई न आया तो उसने बैग उठाया और घर चली गई। अपने परिवार को इसकी जानकारी दी। रीना के पिता मंगल सिंह यह बैग लेकर इलाके के प्रतिष्ठित डॉ. मोहनलाल बड़कुर के घर ले गए। वहां से पुलिस को सूचना दी गई। इस दौरान यशपाल पटेल की बेटी जब घर पहुंची तो उसे पता चला कि बैग गिर गया है। उसने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही व्हाट्सएप पर इसका संदेश भी प्रसारित किया गया। जब कोई नहीं आया तो घर ले आई बैग
रीना ने बताया कि वह खेत से लौट रही थी। तब उसे रास्ते में बैग मिला। वह काफी देर तक वहां खड़ी रहीं। जब बैग लेने कोई नहीं आया तो आधे घंटे बाद वह बैग लेकर घर आ गई। उसने बताया था कि उसने बैग खोलकर देखा था। उसे पता था कि अंदर जेवरात हैं, पर उसने उन्हें जस का तस छोड़ दिया। घर आकर माता-पिता को बैग की जानकारी दी। उसके पिता मंगल सिंह सोमवार सुबह रीना और बैग लेकर डॉ. बड़कुर के पास पहुंचे। वहीं से पुलिस को जेवरों से भरा बैग मिलने की सूचना दी गई।
पुलिस और नगरजनों ने किया सम्मान
पुलिस और उदयपुरा के स्थानीय लोगों ने रीना का सम्मान किया। आभूषण मालिक ने अपनी तरह से 51 हजार रुपये नगद और गुलदस्ते से रीना का सम्मान किया। इसी तरह थाना प्रभारी प्रकाश शर्मा ने अपनी तरफ से ग्यारह सौ रुपये का पुरस्कार देकर रीना को सम्मानित किया। स्थानीय नागरिक बृजगोपाल लोया ने बताया कि ईमानदारी दिखाने वालों का सम्मान करना आवश्यक है। यह लोगों को ईमानदार बने रहने की प्रेरणा देता है।
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