देश में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. कोरोना एक बार फिर से न सिर्फ लोगों को डरा रहा है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ने वाला है.
लॉकडाउन (Lockdown) जैसे हालात फिर से बनते दिख रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले इस साल कोरोना संक्रमण दोगुनी गति से बढ़ रहा है. नाइट कर्फ्यू लॉकडाउन के डर से अब फिर लोग पलायन कर रहे हैं. ग्रोसरी की दुकानें, होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल के साथ टूरिज्म यानी पर्यटन पर इसका सीधा असर पड़ने लगा है. कोरोना के नए स्ट्रेन लॉकडाउन-नाइट कर्फ्यू की वजह से सबसे ज़्यादा असर सर्विस सेक्टर पर पड़ने वाला है. जीडीपी में सर्विस सेक्टर का योगदान करीब 56 फीसदी है, जिसमें एविएशन, पर्यटन, आईटी सेक्टर, होटल इंडस्ट्री जैसे तमाम सेक्टर पर असर पड़ता दिखाई दे रहा है.
पिछले कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था पहले तिमाही में -23.9 फ़ीसदी पर पहुंच गई थी, उसके बाद दूसरी तिमाही में -7.3 फ़ीसद तीसरी तिमाही में +.4 फ़ीसदी तक सुधार हुआ. जानकर मानते हैं कि 31 मई को जो आंकड़े जीडीपी में आएंगे वो -7.3 फ़ीसदी तक रह सकते हैं. मौजूदा कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं उसने अलग-अलग सेक्टर पर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है.
देश की ट्रेडर्स एसोसिएशन की तरफ से जारी आंकड़ों की मानें तो महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश जैसे प्रदेशों में लिए गए हैं. नाइट कर्फ्यू या फिर लॉकडाउन की वजह से 30 फ़ीसदी व्यापार ठप हो गया है आगे ये 50 फ़ीसदी से ज़्यादा हो सकता है. आवाजाही में 18-20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. पर्यटन सेक्टर तो उबर ही नहीं पाया. देशभर में अभी भी इसपर 80-90 फ़ीसदी घाटा हो चुका है.
पर्यटन एक्सपर्ट अनिल कलसी ने कहा कि भारत में टूर ट्रैवेल इंडस्ट्री का अर्थवयवस्था में योगदान 6.8 फ़ीसदी रहा है, लेकिन कोरोना काल में 90 फीसदी गिरावट इस सेक्टर में हुई है. टूर ऑपरेटर की भी हालत भी दूसरे कोरोना काल ने खस्ता कर रखी है. टूर ऑपरेटर हरविंदर सलूजा ने कहा कि कोरोना के मामले अब हर रोज 1 लाख 1.5 लाख के आंकड़े पार हो रहे हैं. लोगों के लिए वैक्सीन ज़रूरी है, लेकिन ऐसा लगता है कि अर्थव्यवस्था को भी वैक्सीन की ज़रूरत पड़ेगी.
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