मां-बाप ने इलाज के लिए प्रयागराज के धूमनगंज में स्थित यूनाइटेड हॉस्पिटल में भर्ती कराया। भर्ती के कुछ दिन बाद बच्ची के पेट का ऑपरेशन किया गया। इसके बाद डॉक्टरों ने एक दूसरा ऑपरेशन किया।
बच्ची के पिता की मानें तो इस ऑपरेशन का डेढ़ लाख रुपए ले लेने के बाद भी हॉस्पिटल प्रशासन ने पांच लाख की डिमांड की। जब रुपए नहीं दे पाए तो हॉस्पिटल प्रशासन ने बच्ची सहित परिवार को बाहर भेज दिया और कहा कि अब इसका इलाज यहां नहीं हो पाएगा।
उसी हालत में बच्ची को लेकर ब्रह्मदीन कई अस्पतालों में गये, लेकिन किसी ने बच्ची को भर्ती नहीं किया। अन्य अस्पतालों ने कहा कि बच्ची की हालत बहुत क्रिटिकल है, वह नहीं बच पाएगी। जिसके बाद बच्ची जिंदगी की जंग हार गई और उसने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया।
पिता ने कहा कि डॉक्टर्स ने बच्ची के ऑपरेशन के बाद सिलाई, टांका नहीं किया और परिवार को ऐसे ही सौंप दिया। इसी वजह से दूसरे हॉस्पिटल ने बच्ची को लेने से मना कर दिया। बाद में इलाज के अभाव में बच्ची ने दम तोड़ दिया।
हर तरफ से मायूसी मिलने के बाद निराश पिता ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बेटी की इलाज के लिए लोगों से गुहार लगाई। वीडियो में पिता न्याय की गुहार लगाते हुए अपने बच्चे की सीजर का खुला हुआ पेट भी दिखा रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद लोगो ने यूनाइटेड अस्पताल की निंदा कि इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर लोगो जिला प्रशासन के साथ मुख्यमंत्री और पीएम से हॉस्पिटल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर बच्ची के लिए लोगों का समर्थन मिलता देख प्रयागराज के जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामीं ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए एक जांच टीम बना दी है। टीएम ने एडीएम सिटी और प्रयागराज सीएमओ की संयुक्त टीम पूरे घटनाक्रम का जांच करेंगे। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने यह भी कहा है इस पूरे घटनाक्रम के हर पहलुओं की सही से जांच करने के बाद अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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