यूपी: जिसकी हत्या पर हो रही थी सुनवाई, वह साधु के वेश में पहुंचा कोर्ट
जौनपुर
उत्तर प्रदेश में कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक रोचक मामला सामने आया। जज के सामने अचानक एक साधु पहुंचता है और खुद की जान को खतरा बताते हुए बचाने की गुहार लगाता है। कोर्ट में जैसे ही आवाज गूंजती है- ''जज साहब! मैं जिंदा हूं, मुझे जान का खतरा है'' सुनकर सन्नाटा छा जाता है।
मामला प्रदेश के जौनपुर जनपद के सीजेएम कोर्ट का है। सोमवार जनपद के खेतासराय के बरजी गांव निवासी जिस मूलचंद्र की अपहरण कर हत्या के मामले में सुनवाई चल रही थी, वह अचानक साधु के वेश में कोर्ट में हाजिर हो गया। प्रार्थना पत्र देने वाले से ही जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई। कोर्ट ने वादी को अपना पक्ष रखने के लिए 17 मार्च की तारीख दी है।
अपहरण कर संपत्ति का करा लिया बैनामा
खेतासराय थाना क्षेत्र के बरजी गांव निवासी अनिल कुमार बिंद ने कोर्ट में अपने अधिवक्ता के जरिए प्रार्थना पत्र दिया कि उसके अविवाहित चाचा मूलचंद जो मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, उनका फूलचंद, हरिश्चंद्र व अन्य आरोपियों ने अपहरण कर चार नवंबर 2020 को संपत्ति का बैनामा करा लिया। बैनामा कराने के बाद मूलचंद की हत्या कर शव गायब कर दिया। कोर्ट ने थाने से रिपोर्ट तलब की। इसी बीच पिछली तिथि 19 जनवरी को कोर्ट में दरखास्त पड़ी कि मूलचंद जिंदा है।
पहचान पत्र दाखिल किया गया। कोर्ट ने उस व्यक्ति को प्रस्तुत करने का आदेश दिया। सोमवार को साधु के वेश में व्यक्ति कोर्ट में हाजिर हुआ और खुद को मूलचंद होने का दावा किया। वादी अनिल पर आरोप लगाया कि मुझे परेशान करने के लिए यह फर्जी आवेदन पत्र दिया गया है। मैं संन्यासी और अविवाहित हूं। आवेदक अनिल का पूरा परिवार मेरी पूरी जमीन बिना पैसे दिए लेना चाहते हैं।
मैंने अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए कई बार थाने में दरखास्त दी, लेकिन मुझे आज तक कोई सुरक्षा नहीं मिल पाई। मुझे सुरक्षा दी जाए। वादी के अधिवक्ता ने विरोध किया कि यह व्यक्ति मूलचंद नहीं है। प्रार्थना पत्र के साथ दाखिल मृतक के आधार कार्ड की फोटो से भी उसके चेहरे का कोई मेल नहीं हो पा रहा है। कोर्ट ने वादी को अपना पक्ष रखने के लिए 17 मार्च की तिथि नियत की है।
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